Thursday, December 13, 2012

अल्लाह्पुर के मुसलमानों में फिर छिड़ी जातीय हिंसा




अकबर अली
बिहार में चम्पारण जिले के एक गांव में अपने को आला जात समझने वाले दबंग मुसलमानों नें पिछड़ी जात के गरीब मुसलमानों का पिछले सात सालों से जीना हराम कर रखा है. ताज़ा घटना 7 दिसंबर की रात की है जब अकबर अली नाम के एक विकलांग, गरीब मुसलमान का दबंगों ने  हाथ-पैर तोड़ते हुए बुरी तरह पिटाई की और उसको मरा हुआ समझ कर चलते बने. अकबर अली को मोतिहारी के एक निजी अस्पताल में भरती कराया गया है जहाँ वह जिंदगी और मौत से जूझ रहा है. 


ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ ने घटना की तीव्र निंदा करते हुए कहा है कि इस तरह की  ज़हनियत रखने वाले लोगों ने इस्लाम के बराबरी के सिद्धांत की बुरी छवि पेश की है. महाज़ के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा सांसद अली अनवर अंसारी ने गांव के पीड़ित परिवारों से मिल कर लौटने के बाद एक प्रेस बयान में यह बात कही है. बयान में कहा गया है कि पूर्वी चम्पारण जिला के केसरिया थाना में रामपुर बैरिया गांव का एक अल्लाह्पुर टोला है जहाँ पिछले सात सालों से पसमांदा मुसलमानों के साथ इस तरह के अत्याचार की घटनाएँ हो रही हैं. 6 दिसम्बर 2007 को आधी रात में गरीब मुसलमानों की पूरी बस्ती आग लगा कर ख़ाक कर दी गयी थी. इस मामले में आगजनी का मुकदमा हुआ था तथा गिरिफ्तारी भी हुई थी. मुकदमा अभी चल ही रहा है. इस बीच पिछले साल अभियुक्तों में से एक सरफराज़ अहमद खान गांव का मुखिया बन गया और मुखिया  ने ही  ताज़ा वारदात को अंजाम दिया है. चुनाव में गांव के गरीब मुसलमानों ने उसका विरोध किया था. इस का खुन्नस तो था ही पर  जब इन मुसलमानों ने चुनाव आयोग और न्यायालय के ज़रिये इस मामले को भी प्रकाश में लाया कि  सरफराज़ अहमद खान ने मुखिया के लिए अपने नामांकन पत्र में अपने ऊपर आगजनी के मुक़दमे को छिपा लिया है. इस लिए उस का चुनाव रद्द होना चाहिए. तभी से वह और भी आक्रामक हो गया है. और लगातार गांव के गरीबों के साथ मारपीट की छोटी-मोटी कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. 

अली अनवर, सांसद एवं अध्यक्ष पसमांदा मुस्लिम महाज़ 

ग्रामीणों ने महाज़ के प्रतिनिधि मंडल को यह भी बताया कि गांव के पसमांदा परिवारों के लोग अब पहले की तरह अगड़े-दबंग मुसलमानों की बैठ-बेगारी करना नहीं चाहते. अपने घर की औरतों के साथ बदसलूकी का विरोध करते हैं. मस्जिद और मदरसों में अपने बच्चों के साथ भेद-भाव को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं हुए तभी से उनके साथ मार-पीट शुरू हुई है. उनका रास्ता बंद किया जाता है. एक बार उनके घर एक लड़की की शादी में दूल्हा और बारात मारूति कार से दबंग लोगों के दरवाज़े से हो कर गुजरी तो बारातियों की पिटाई की गयी और पुलाव-गोश्त में मिट्टी मिला दिया गया. जब वह इस की शिकायत ले कर थाना पहुंचे तो थानेदार भी उसी तबके का था. उस ने उल्टा शिकायत करने वालों को हाजत में बंद कर दिया.
ग्रामीणों नें यह भी बताया कि मस्जिद और मदरसा में भेदभाव के खिलाफ जब उन्होंने अपनी ज़मीन में फूस की एक मस्जिद बनाई तो उसे भी दो बार उजाड़ दिया गया. सरकार की तरफ से एक प्राथमिक स्कूल भी उनके टोले में खुला तो उसे भी वहाँ से हटवाकर मुखिया अपनी बस्ती में ले गया.


पिछले 7 दिसम्बर को करीब 9 बजे रात में गांव के बगल में श्री नारायण यादव की बेटी की शादी से भोज खा कर जब अकबर सहित तीन लोग दो मोटर साईकिल में सवार हो कर लौट रहे थे तो मुखिया सरफराज़ अहमद खान के साथ करीब 15 लोगों नें, जो हर तरह के हथियार से लैस थे, अचानक धावा बोल दिया. दो लोग तो किसी तरह बच निकले लेकिन विकलांग होने के चलते अकबर अली पकड़ में आ गया. पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद सांसद अली अनवर अंसारी के नेतृत्व में महाज़ के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर और एस. पी. से मुलाक़ात की और अभियुक्तों की गिरफ़्तारी तथा पीड़ित परिवारों को राहत पहुंचाने की मांग की है. 

[यह प्रेस विज्ञप्ति ऑल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज़ द्वारा जारी की गयी है]                               

   

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